हमारा देश कई बार आतंकी हमलों से लहू लुहान हुआ है, देश के दुश्मनों ने हमे कई जख्म दिए है जिसे हम कभी भुला नहीं सकते है। लेकिन बावजूद इसके सरकार और प्रशासन सुरक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने में नाकाम नज़र आ रहा है। ये भारत और नेपाल सीमा से महज 300-400 मीटर दूरी पर स्थित रक्सौल रेलवे स्टेशन है। नेपाल बॉर्डर होने से रक्सौल जंक्शन काफी संवेदनशील हैं क्योंकि आपको याद होगा जब 2013 में यासीन भटकल को इसी इंटरनेशनल शहर रक्सौल से पकड़ा गया था। भटकल दिल्ली, मुंबई समेत देश के कई इलाकों में हुए बमब्लास्ट का मास्टर माइड और आरोपी था। यहाँ से कई सारे आतंकियों को पकड़ा गया है जो नेपाल के रास्ते भारत में आते है और फिर नेपाल के रास्ते ही वापस चले जाते हैं। इसके अलावा पूर्वी चंपारण घोड़ासहन में एक बड़ी आतंकी घटना को अंजाम देने के मकसद से रेलवे ट्रैक पर आईईडी प्लांट किया गया था।
नेपाल पास होने से आतंकियों के लिए रक्सौल बॉर्डर का यह रुट सबसे आसान और सबसे सुक्षित नज़र आता है। ऐसे में यहाँ रेलवे स्टेशन की सुरक्षा व्यवस्था में बहुत बड़ी लापरवाही नज़र आती है।
इस स्टेशन परिसर में आने जाने के लिए मुख्य द्वारा के अलावा कई ऐसे खुले रास्ते भी है जहाँ से कोई भी आ जा सकता है। ना तो मुख्य द्वार पर कोई स्कैनिंग मशीन है ना ही कहीं और। गौर करने वाली बात है कि यहाँ से देश के विभिन्न हिस्सो में ट्रैन का परिचालन होता है। फर्जी पहचान पत्र के साथ कोई भी संदिग्ध किसी भी समान के साथ बिना किसी चेकिंग के दिल्ली, मुंबई, पंजाब, बंगलुरू, जम्मू समेत देश में विभिन्न हिस्सों में पहुँच सकता है। अब ये सोचने वाली बात है कि ये देश की सुरक्षा के लिए कितना बड़ा खतरा है जिसे नज़र अंदाज किया जा रहा है। इसके प्रति देश की ख़ुफ़िया विभाग के साथ सरकार को भी ध्यान देने की जरूरत है।